Skip to main content

ट्विटर पर शिकायतों का होगा समाधान

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुरू से ही तकनीकी का इस्तेमाल करते रहें है खास कर सोशल मीडिया पर उन्होंने ज्यादा जोर दिया है.यही नहीं मोदी अपने मंत्रीमंडल के सभी मंत्रियो को भी सोशल मीडिया पर लोगों की शिकायत सुनने और उसे दूर करने की सलाह देते रहें है.समय के साथ –साथ मोदी कुछ नए प्रयोग भी करतें रहते है. गौरतलब है कि सरकार डिजिटल इंडिया पर विशेष जोर देती रही है जिसका सीधा अभिप्राय तकनीकी को लेकर लोगों को जागरूक किया जाए जिससे आज विकसित होती तकनीकी से सरकार और जनता के बीच एक बेहतर संवाद स्थापित हो.मौजूदा समय में तकनीकी से जुड़ना समय की मांग है इसी के मद्देनजर सरकार ने ट्विटर सेवा की शुरुआत की है. इसके जरिये जनता अपनी शिकायत ट्विटर पर हैशटैग ट्विटर सेवा के साथ लिखकर भेज सकती है.सरकार का दावा है कि इस ट्विटर सेवा के जरिये लोगो की शिकायतों का पलक झपकते समाधान होगा, सरकार की तरफ से यह भी दावा किया जा रहा है कि लोग किसी भी वक्त किसी भी मंत्रालय या विभाग से जुडी शिकायतें भेज सकतें हैं प्राप्त की कीवर्ड के अनुसार जिस मंत्रालय या विभाग से जुडी शिकायत रहेगी उन्हें स्थांतरित कर दी जाएगी. ट्विटर पर भेजी गई शिकायत तबतक ब्लिंक करती रहेगी जबतक इस शिकायत का समाधान नही हो जाता जाहिर है कि मोदी सरकार मिनिमम गवर्मेंट मैक्सिमम गवर्नेंस की बात करती रही है उस दिशा में सरकार द्वारा शुरू की गई सेवा निश्चित रूप से जनता की समस्याओं को कम करने में सहायक साबित होंगी.फ़िलहाल में यह सेवा संचार ,दूरसंचार,मानव संसाधन विकास मंत्रालय, स्वास्थ्य मंत्रालय के अलावा माय गवर्मेंट तक सिमित रखा गया है इन मंत्रालयों के अलावा उत्तर प्रदेश पुलिस , दिल्ली पुलिस और मुंबई पुलिस भी इससे जुडी हुई है.धीरे –धीरे सरकार ट्विटर सेवा का विस्तार करेगी.और सभी मन्त्रालयों को इससे जोड़ेगी.बरहाल,जब देश में शिकायतों का अंबार लगा रहो हर जगह जनता सरकार से शिकायतों के निवारण में लिए गुहार लगा रही हो लेकिन माध्यम का सही चयन न होने की वजह से जनता परेसान हो,ऐसे वक्त में जनता की तमाम शिकयतों का निराकरण करने के दायित्व सरकार का होता है,सरकार माध्यमों में तेज़ी लाएं तथा जो शिकायतें आ रहीं उसपर त्वरित कार्यवाही हो,वर्तमान समय में अपनी बात लोगों तक पहुँचाने का सबसे सशक्त माध्यम सोशल मीडिया हो चला है ,लोग अपनी बात चंद सेकेंड में लोगों तक पहुंचा रहें है केंद्र की मोदी सरकार इस बात का बखूबी जानती हैं कि आज शहर नहीं बल्कि गावों में भी लोग सोशल मीडिया से बड़ी संख्या में लोग जुड़ रहें है. ऐसे में सोशल मीडिया पर लोगो की शिकायतों को सुनने और उसका तुरंत समाधान करना सरकार द्वारा एक बढिया प्रयास है जिससे अपनी शिकयतों का समाधान ढूंढ रही जनता को तुरंत समाधान मिले.सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि इससे जुड़े अधिकारी भी आने वाली शिकायतों को गंभीरता से लेंगे अगर अधिकारी शिकायतों के को नजरअंदाज करतें है तो उनपर कड़ी कार्यवाही की जाएगी. वर्तमान समय में जनता नौकरशाही से त्रस्त है एक छोटे से काम को लेकर उसे विभागीय दफ्तर के चक्कर काटने पड़ते मगर यदि सरकार ट्विटर सेवा के जरिये लोगों की शिकायतें समयावधि में दूर करती है तो इससे जनता को तो राहत मिलेगी ही साथ में सरकार की भी वाहवाही होगी. ट्विटर सेवा अनेकानेक लाभ है मसलन लोग अब बिजली, पानी, शिक्षा आदि से संबंधित शिकायतों का तुंरत समाधान पा सकेंगे किंतु हम गौर करें तो इस सेवा के सामने कई चुतौतियाँ मुंह बाएं खड़ी हैं जिससे निपटना सरकार के लिए आसन नहीं होगा पहली चुनौती नेटवर्किंग की हैं जाहिर है कि ग्रामीण क्षेत्रों के लोग इससे जूझ रहें हैं महज फोन पर बात करने के लिए उन्हें अपने मकान की छतों पर जाना पड़ता,नेटवर्किंग की समस्या जस की तस बनी हुई है ऐसे में ग्रामीण क्षेत्र के लोग  इंटरनेट की के जरिये कैसे अपनी शिकायत पहुंचाएंगे ?.गावों में तकनीकी को लेकर जागरूकता का आभाव है ऐसे में ग्रामीण क्षेत्रों के लोग इस सेवा का लाभ उठाने से रहे. इंटरनेट की समस्या ट्विटर सेवा के रास्ते में बड़ा एक रोड़ा है, जिसको लेकर सरकार की गंभीरता अभी-तक देखने को नहीं मिली.दूसरी चुनौती से वर्तमान समय में ट्विटर पर लोगों की समस्याओं को लेकर सक्रिय मंत्री जूझ रहें है मसलन केंद्र सरकार के दो ऐसे मंत्री है जो ट्विटर पर लोगों की शिकायतों को सूनने में ज्यादा सक्रिय हैं जिसमें रेल मंत्री सुरेश प्रभु तथा विदेश मंत्री सुषमा स्वराज हैं परंतु हम ध्यान दे तों विगत दिनों लोग ऐसे मदद मांग रहें जिसका कोई निहतार्थ न हो लोगों को भी इस बात का ध्यान रखना होगा कि इस सेवा का सही उपयोग हो, सरकार की यह सेवा जनता की परेशानीयों को दूर करने की दिशा में किया गया एक सार्थक प्रयास है यह सेवा कैसे लोगों की मदद करती है यह तो भविष्य ही बताएगा किंतु सोशल मीडिया पर शिकायतों के सुनने और उसको दूर करने का प्रयास सरकार द्वारा एक सकारात्मक और नये प्रकार की पहल हैं जो स्वागतयोग्य है सरकार के साथ-साथ लोगों की भी जिम्मेदारी है कि इसकी गंम्भीरता बनाएं रखे. 

Comments

Popular posts from this blog

काश यादें भी भूकंप के मलबे. में दब जातीं ..

    एक दिन बैठा था अपनी तन्हाइयों के साथ खुद से बातें कर रहा था. चारों तरफ शोर –शराबा था, लोग भूकम्प की बातें करते हुए निकल रहें थे साथ ही सभी अपने–अपने तरीके से इससे  हुए नुकसान का आंकलन भी कर रहें थे.  मै चुप बैठा सभी को सुन रहा था. फिर अचानक उसकी यादों ने दस्तक दी और आँखे भर आयीं. आख  से निकले हुए अश्क मेरे गालों को चूमते  हुए मिट्टी में घुल–मिल जा रहें थे मानों ये आसूं उन ओश की बूंदों की तरह हो जो किसी पत्ते को चूमते हुए मिट्टी को गलें लगाकर अपना आस्तित्व मिटा देती हैं. उसी  प्रकार मेरे आंशु भी मिट्टी में अपने वजूद को खत्म कर रहें थे. दरअसल उसकी याद अक्सर मुझे हँसा भी जाती है और रुला भी जाती है. दिल में एक ऐसा भाव जगा जाती है जिससे मै खुद ही अपने बस में नहीं रह पाता, पूरी तरह बेचैन हो उठता. जैसे उनदिनों जब वो  मुझसे मिलने आती तो अक्सर लेट हो जाती,मेरे फोन का भी जबाब नहीं देती, ठीक इसी प्रकार की बेचैनी मेरे अंदर उमड़ जाती थी. परन्तु तब के बेचैनी और अब के बेचैनी में  एक बड़ा फर्क है, तब देर से ही सही  आतें ही उसके होंठों से पहला शब्द स...

डिजिटल इंडिया को लेकर सरकार गंभीर

    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी महत्वकांक्षी योजना डिजिटल इंडिया को साकार करने के लिए सिलिकाँन वैली में तकनीक क्षेत्र की सभी दिग्गज कंपनियों के प्रमुखों से मुलाकात की . प्रधानमंत्री मोदी ने डिजिटल इंडिया के उद्दश्यों व लक्ष्यों के बारें इन सभी को बताया.तकनीक जगत सभी शीर्षस्थ कंपनियां मसलन गूगल,माइक्रोसॉफ्ट तथा एप्पल के सीईओ ने भारत सरकार की इस योजना का स्वागत करते हुए, भारत में निवेश को लेकर अपने –अपने प्लानों के दुनिया के सामने रखतें हुए भारत को भविष्य की महाशक्ति बताया है. इन सभी कंपनियों को बखूबी मालूम है कि भारत आज सभी क्षेत्रों  नए- नए आयाम गढ़ रहा है. इसको ध्यान में रखतें हुए गूगल के सीईओ सुंदर पिचई ने भारत के 500 रेलवे स्टेशनों को वाई -फाई से लैस करवाने के साथ 8 भारतीय भाषाओं में इंटरनेट की सुविधा देने की घोषणा की तो वहीँ माइक्रोसॉफ्ट ने भी भारत में जल्द ही पांच लाख गावों को कम लागत में ब्रोडबैंड तकनीकी पहुँचाने की बात कही है.इस प्रकार सभी कंपनियों के सीईओ ने भारत को डिजिटल बनाने के लिए हर संभव मदद के साथ इस अभियान के लिए प्रधानमंत्री मोदी से कंधा से कंधा ...

लोकतंत्र पर बड़ा आघात था आपातकाल

  लोकतंत्र में आस्था रखने वाले हर व्यक्ति को 25 जून की तारीख याद रखनी चाहिए. क्योंकि यह वह दिन है जब विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र को बंदी बना लिया गया था. आपातकाल स्वतंत्र भारत के इतिहास का सबसे काला अध्याय है , जिसके दाग से कांग्रेस कभी मुक्त नहीं हो सकती. इंदिरा गांधी ने समूचे देश को जेल खाने में तब्दील कर दिया था. लोकतंत्र के लिए उठाने वाली हर आवाज को निर्ममता से कुचल दिया जा रहा था, सरकारी तंत्र पूरी तरह राजा के इशारे पर काम कर रहा था. जब राजा शब्द का इस्तेमाल कर रहा हूँ तो स्वभाविक है कि इंदिरा गांधी पूरी तरह लोकतंत्र को राजतंत्र के चाबुक से ही संचालित कर रही थीं. गौरतलब है कि इंदिरा गांधी किसी भी तरीके से सत्ता में बने रहना चाहती थी. इसके लिए वह कोई कीमत अदा करने को तैयार थी किन्तु इसके लिए लोकतांत्रिक मूल्यों पर इतना बड़ा आघात होने वाला है शायद इसकी कल्पना किसी ने नहीं की थी.   देश में इंदिरा गाँधी की नीतियों के खिलाफ भारी जनाक्रोश था और जयप्रकाश नारायण जनता की आवाज बन चुके थे. जैसे-जैसे आंदोलन बढ़ रहा था इंदिरा सरकार के उपर खतरे के बादल मंडराने लगे थे. हर रोज हो रहे प्रदर्...