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Showing posts from April, 2021

लोकतंत्र के लिए चुनौती बनतीं ममता

    पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में चार चरण के मतदान हो चुके हैं, पांचवें चरण का मतदान होने वाला है, लेकिन इस बीच कई ऐसी घटनाएँ सामने आईं हैं जो लोकतांत्रिक मूल्यों को चोट पहुंचाने के साथ तृणमूल कांग्रेस की हताशा को भी प्रदर्शित करती हैं. हिंसा लोकतंत्र में जायज नहीं है हम इस लाइन को दोहराते आए हैं. दुर्भाग्य से पश्चिम बंगाल में कोई चुनाव शांतिपूर्ण तरीके से नहीं होता है. यह क्रूर सत्य तो है ही इसके साथ हमारी लोकतंत्र की विफलता में से एक भद्दा उदाहरण भी है. बंगाल की राजनीतिक तासीर ऐसी रही है हम ऐसी बचकानी बातें करके अपनी जिम्मेदारियों से भागते हैं. सवाल, चुनाव आयोग कि तैयारियों   को लेकर भी उठ रहे हैं कि आखिर शांतिपूर्ण मतदान के उनके दावे   हवाहवाई क्यों नजर आ रहे हैं. बहरहाल, राजनीतिक हिंसा के साथ-साथ आज कई ऐसी घटनाएँ सामने आ रही हैं, जिसका बिन्दुवार विश्लेषण करने के उपरांत हम ऐसे परिणाम तक पहुँचाने का प्रयास करेंगे, जो सत्य के करीब हो.   पश्चिम बंगाल में चुनाव के समय हिंसा मतदाताओं को वोट डालने से रोकती है हमें इसके एक बारीकी पक्ष को समझना पड़ेगा दरअसल, यह हिंसा वोटिंग रोकने के लिए