हमारे देश के राजनेताओं को सत्ता का रसूख इतना भाता है कि वह अपने सियासी आडंबर से जरा भी समझौता करना पसंद नहीं करते. यही कारण है कि सरकारी बंगला,सुरक्षा,गाड़ी का लब्बोलुआब उन्हें अपने गिरफ़्त में ले लेता है. राजनीति में जो मर्यादा, शुचिता एवं सहजता की स्थिति थी, अब वह बीते दिनों की बात हो चुकी है. वर्तमान में देश के राजनेताओ को सुख-सुविधा एवं वीआईपी संस्कृति ने अपने गिरफ़्त में ले रखा है. यह सर्वविदित सत्य है की सत्ता से बाहर होने के बाद सरकारी सुविधाओं को त्यागना पड़ता है अथवा उसमें भारी कटौती भी देखने को मिलती है. सरकारी सुविधाओ के प्रोटोकॉल की एक प्रक्रिया है, जिसमें राष्ट्रपति एवं प्रधानमंत्री सहित पूर्व प्रधानमंत्री तथा पूर्व राष्ट्रपति, मंत्री ,मुख्यमंत्री सांसद एवं विधायक गण आते हैं. इस समय उत्तर प्रदेश में पूर्व मुख्यमंत्रियों का सरकारी बंगला छोड़ना चर्चा के केंद्र बिंदु में है. सबसे बड़े सूबे में पूर्व मुख्यमंत्रियों को कोर्ट ने झटका देते हुए वर्षों से कब्ज़ा जमाए सरकारी बंगले को छोड़ने का आदेश दिया था. यह आदेश उत्तर प्रदेश के प्रमुख छत्रपों पर कहर की तरह था. देश ने देखा उत्
इस ब्लॉग के माध्यम से लोगो तक अपनी अभिव्यक्ति को व्यक्त कर आपके सामने परोसना है ,विचारो में मतभेद होते हैं और होने भी चाहिएं .आप हमेशा एक तर्कपूर्ण बहस के लिए आमंत्रित है .. स्वागत है ..बंदन है .....अभिनंदन है .......