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Showing posts from July, 2018

अविश्वास प्रस्ताव के सबक

    भारत के संसदीय इतिहास में विगत शुक्रवार का दिन कई मायने में ऐतिहासिक रहा. विपक्षी दलों द्वारा उस सरकार के खिलाफ़ अविश्वास प्रस्ताव लाने का दुस्साहस किया गया, जिसे भारत की जनता ने प्रचंड बहुमत से देश की कमान सौंपी है. एनडीए सरकार के खिलाफ़ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव का हश्र क्या होगा इसको लेकर किसी के मन में कोई शंका नहीं रही होगी. वर्तमान में एनडीए को छोड़ भी दें, तो भी भाजपा अपने दम पर सत्ता में बनी रह सकती है अगर इसमें एनडीए को मिला दें तो संख्या बल 311 पर जाकर थमता है, जो बहुमत के जादूई आंकड़े 268 से कहीं ज्यादा है. देश राहुल गाँधी और नरेंद्र मोदी के भाषण की तासीर को समझने में लगा है किन्तु इन सबके बीच पहला सवाल यही खड़ा होता है की विपक्ष द्वारा अविश्वास प्रस्ताव की जरूरत क्या थी? किस रणनीति को साधने के लिए कांग्रेस ने टीडीएस के कंधो पर बंदूख रखा? दरअसल,आम चुनाव जैसे–जैसे करीब आ रहा है विश्वास की कसौटी पर रसातल में पहुँच चुकी कांग्रेस झूठ, फ़रेब और अफ़वाह फैलाने के एक भी हथकंडे को छोड़ना नहीं चाहती. अप्रसांगिकता के दौर से गुजर रहे राहुल गाँधी चर्चा में बने रहने के लिए अलग–अलग रणनीत