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Showing posts from January, 2017

फतवा,हिंसा और ध्वस्त कानून व्यवस्था पर खामोश ममता तानाशाही की ओर अग्रसर !

    आज बंगाल तथा बंगाल की मुख्यमंत्री दोनों चर्चा के केंद्र में हैं.   बंगाल, रक्तरंजित राजनीति, साम्प्रदायिक हिंसा तथा शाही इमाम द्वारा जारी फतवे के लिए चर्चा में है . तो वहीँ पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी मोदी विरोध के हट तथा भ्रष्ट नेताओं के बचाव के चलते लगातार सुर्ख़ियों में हैं. दरअसल, नोटबंदी का फैसला जैसे ही मोदी सरकार ने लिया तभी से ममता, मोदी पर पूरी तरह से बौखलाई हुई हैं. ऐसा कोई दिन नहीं बीतता जब ममता मोदी पर व्यर्थ में निशाना न साधे. खैर, अभी नोटबंदी के सदमे से ममता उभर पाती इससे पहले ही सीबीआई ने रोजवैली चिटफंड के करोड़ो के घोटाले में तृणमूल के दो सांसदों को गिरफ्तार कर लिया. जैसे ही यह गिरफ्तारी हुई ममता पूरी तरह तिलमिला उठीं तथा जरूरत से ज्यादा उग्र प्रतिक्रिया देते हुए इस गिरफ्तारी को राजनीतिक बदला करार दिया. लेकिन, हकीकत यह है कि यह पूरी जाँच सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर हो रही है और सरकार की इसमें कोई भूमिका नहीं है. बावजूद इसके सांसदों की गिरफ्तारी के बाद तृणमूल के नेताओं ने जिस तरह उपद्रव मचा रखा है, वह अपनेआप में शर्मनाक कृत्य है. गिरफ्तारी के विरोध म

यह चुनाव साख और नाक बचाने की लड़ाई है !

सभी अटकलों पर विराम लगाते हुए चुनाव आयोग ने बुधवार को पांच राज्यों  में होने वाले विधानसभा चुनाव का शंखनाद कर दिया है.यूपी,पंजाब ,गोवा,उत्तराखंड तथा मणिपुर में होने जा रहे विधानसभा चुनाव की घोषणा होते ही सभी राजनीतिक दलों में हलचल तेज़ हो गई है.इन राज्यों में चुनाव परिणाम भविष्य के गर्भ में है लेकिन, यह कहना अतिश्योक्ति नहीं होगी कि यह चुनाव सभी राजनीतिक दलों के लिए वर्चस्व की लड़ाई है. चार फरवरी से शुरू होने जा रहा यह चुनावी दंगल आठ मार्च तक चलेगा तथा ग्यारह मार्च को सभी राज्यों के नतीजे एक साथ आयेंगे.चार फरवरी को गोवा –पंजाब से चुनाव की शुरुआत होगी.ग्यारह फरवरी से सात चरण में यूपी विधानसभा के चुनाव संपन्न होंगे.वहीँ मणिपुर में पहले चरण का मतदान चार मार्च को और दूसरे चरण का का मतदान आठ मार्च को समाप्त होंगे तथा उत्तराखंड में पन्द्रह फरवरी को वोटिंग होगी.इन सभी राज्यों के चुनाव परिणाम निश्चित तौर पर भविष्य की राजनीति की दिशा व दशा तय करने वाले होंगे.गौरतलब है कि यह चुनाव राष्ट्रीय दलों के साथ-साथ क्षेत्रीय दलों के लिए भी किसी अग्निपरीक्षा से कम नहीं होगा.केंद्र में सत्तारूढ़ दल बीजेपी