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Showing posts from January, 2016

व्यवस्था में सुधार की दरकार

     केंदीय विश्वविद्यालय हैदराबाद से जूनियर रिसर्च फेलोशिप के जरिये पीएचडी कर रहें छात्र रोहित वेमुला ने व्यवस्थाओं से खिन्न होकर खुदकुशी कर लिया.आत्महत्या से पहले रोहित ने जो खत लिखा है.उसमें इस फैसले के लिए किसी व्यक्ति विशेष को दोषी नही बताया है तथा बचपन से अभी- तक भेदभाव की बात कही है.किसी भी छात्र की आत्महत्या इस व्यवस्था पर सवालिया निशान खड़े करता है.ऐसा पहली बार नही हो रहा है कि कोई छात्र व्यवस्था से खिन्न आकर आत्महत्या जैसा बड़ा कदम उठाया हो,आये दिन छात्र शिक्षण संस्थानों के अड़ियल रवैये से तंग आकर मौत को गले लगा लेते है.इस आत्महत्या के मामले में केंद्रीय मंत्री बंडारू दत्तात्रेय के खिलाफ एससी –एसटी एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज की गई है.बहरहाल,इस पुरे प्रकरण को समझें तो कुछ बातें बिल्कुल स्पष्ट हो चुकी है.जैसे कि रोहित दलित समुदाय से आते थे और अंबेडकर स्टूडेंट्स एसोसिएशन के सदस्य थे.रोहित कई ऐसी गतिविधियों में शामिल थे.जिसकी अनुमति कोई शिक्षण संस्थान नही देता,इसके बावजूद रोहित विश्वविद्यालय प्रशासन की अनदेखी कर के उन सभी आपत्तिजनक गतिविधियों में महती भूमिका निभाई थी,जो न

किकू शारदा की गिरफ्तारी से उठते सवाल ?

    कॉमेडी   नाइट्स विद कपिल में पलक की भूमिका निभाने वाले हास्य कलाकार किकू शारदा को हरियाणा पुलिस ने भावनाएं भड़काने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया.कुछ देर बाद एक लाख के निजी मुचलके पर जमानत भी मिल गई. दरअसल ये केश डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख, संत राम रहीम सिंह के मजाक उड़ाने के बाद उनके भक्तों ने किकू शारदा समेत नौ लोगो के खिलाफ केश दर्ज करा दिया था.गौरतलब है कि एक शो के दौरान किकू शारदा संत राम रहीम के गेटअप मे थे और लड़कियों के साथ डांस कर रहे थे.ये बात राम रहीम के समर्थको को नागवार गुजरी जिसके फलस्वरूप संत राम रहीम के समर्थको ने उक्त कार्यवाही की.गिरफ्तारी के चंद घंटे बाद ही किकू शारदा को बेल मिल गई.किकू की गिरफ्तारी के मामले को समझे तो इसमें कई बातें सामने आती है,आज कल चंद लोग खुद की भावनाओं को हाथो में लेकर चलने लगें है.कब किसकी भावनाएं आहात हो जाएँ किसी को नही पता है तथा न ही भावनाओं का कोई मानक है,जिसको ध्यान में रखते हुए कोई अभिनेता अपना अभिनय करें.किसी हास्य अभिनेता के साथ इस तरह का व्यवहार करना निहायत ही गलत है.इसकी जितनी भर्त्सना की जाए कम होगी.भारत में हास्य अभिनेता

मालदा की असहिष्णुता पर मौन क्यों

       मालदा की असहिष्णुता पर मौन क्यों ?   उत्तर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री आज़म खान के बयान के प्रतिकार में कथित हिन्दू नेता कमलेश तिवारी ने आज से तकरीबन दो महीने पहले फेसबुक पर पैंगम्बर मोहम्मद साहब के प्रति कथित आपत्तिजनक टिप्पणी की थी.इस टिप्पणी ने पुरे देश में तहलका मचा कर रखा दिया है.जगह –जगह मुसलमान प्रदर्शनकारी कमलेश तिवारी को फांसी देने के लिए सड़क पर उतर आये हैं,बात यही समाप्त नही होती है.बिजनौर जामा मस्जिद के इमाम मौलाना अनवारुल हक और नजीबाबाद के एक और मौलाना ने कमलेश तिवारी के सर कलम करने पर इनाम राशी की भी घोषणा कर दी है.आज तकरीबन दो महीने बाद ये भीड़  उत्तर प्रदेश,राजस्थान ,भोपाल ,बिहार के रास्ते पश्चिम बंगाल के मालदा शहर में तांडव मचाये हुए है.गौरतलब है कि कमलेश तिवारी की आपत्तिजनक  टिप्पणी के खिलाफ पश्चिम बंगाल के मालदा में गत रविवार को कालियाचक थाना क्षेत्र में मुस्लिम समुदाय के लोगो ने हिंसक विरोध जुलुस निकालते हुए थाना पर हमला बोल दिया उसके बाद थाने में आग दिया.मौके पर पहुंची बीएसएफ की गाड़ी पर भी हमला किया गया.प्रदर्शनकारियों ने सरकारी बस,जिप्सी समेत 30 गाड़ियों

पठानकोट हमला पाक का रिटर्न गिफ्ट

       दोस्ती के लायक नही पाकिस्तान आदर्श तिवारी -   जिसका अनुमान पहले से लगाया जा रहा था वही हुआ.प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लाहौर यात्रा के ठीक एक सप्ताह बाद पाकिस्तान का फिर नापाक चेहरा हमारे समाने आया है.भारत बार –बार पाकिस्तान से रिश्तों में मिठास लाने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है.लेकिन कहावत है ताली दोनों हाथो से बजती है एक हाथ से नही.पाकिस्तान की तरफ से आये दिन संघर्ष विराम का उल्लंघन ,गोली –बारी को नजरअंदाज करते हुए भारत पाकिस्तान से अच्छे संबध बनाने के लिए तमाम कोशिश कर रहा है.भारत की कोशिश यहीं तक नही रुकी हमने उन सभी पुराने जख्मों को भुला कर पाकिस्तान की तरफ दोस्ती का हाथ बढ़ाया लेकिन पाक परस्त आतंकियों ने आज हमे नये जख्म दिए है गौरतलब है कि एक तरफ पाकिस्तान के सेना प्रमुख इस नये साल में पाक को आतंक मुक्त होने का दावा कर रहें है.वही पठानकोट में एयरफोर्स बेस हुए आतंकी हमले ने पाकिस्तान के आतंक विरोधी सभी दावों की पोल खोल दिया.ये पहली बार नही है जब पाकिस्तान की कथनी और करनी में अंतर देखने को मिला हो पाकिस्तान के नापाक मंसूबो की एक लंबी फेहरिस्त है . जिसे याद करने