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Showing posts from February, 2018

दुष्प्रचार की डगमगाती नैया के बीच गतिशील संघ !

यह एक सामान्य सत्य है कि राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ को लेकर तमाम प्रकार की भ्रांतियां एवं दुष्प्रचार लंबे समय से देश में चलता रहा है.कांग्रेस एवं मीडिया से जुड़े बुद्दिजीवियों का एक धड़ा संघ को एक साम्प्रदायिक एवं राष्ट्र विरोधी संगठन जैसे अफवाहों को हवा देने की जिम्मेदारी अपने कंधो पर ले रखी है.किंतु वर्तमान समय में इनका   हर दावं विफ़ल साबित हो रहा है,जिससे तंग आकर इस कबीले के लोगों ने नया ढंग ईजाद किया है.वह है संघ से जुड़े पदाधिकारियों के बयान को अपनी सुविधा और अपने वैचारिक हितों की पूर्ति के मद्देनजर दिखाना.ताज़ा मामला संघ प्रमुख मोहन भागवत के बिहार के मुजफ्फरपुर में रविवार को दिए भाषण का है.संघ प्रमुख ने स्वयं सेवकों को संबोधित करते हुए कहा कि “हमारा मिलिट्री संगठन नहीं है मिलिट्री जैसी डिसिप्लिन हमारी है और अगर देश को जरूरत पड़े और देश का संविधान,कानून कहे तो, सेना तैयार करने में छह –सात महीने लग जायेंगे,संघ के स्वयंसेवक को लेंगे तो तीन दिन में तैयार हो जाएगा.यह हमारी क्षमता है लेकिन, हम मिलिट्री संगठन नहीं है पैरामिलिट्री भी नहीं हैं हम तो पारिवारिक संगठन हैं” मोहन भागवत के इस संतुलि

कृषि और ग्रामीण विकास के लिए जरूरी बजट

 आर्थिक समीक्षा आने के पश्चात् यह अंदाज़ा हो गया था कि वित्त मंत्री अरूण जेटली आगामी बजट को राजनीतिक महत्वाकांक्षा से परे एक ठोस बज़ट प्रस्तुत करेंगे.जिसमें ग्रामीण, कृषि और रोजगार पर ज्यादा फोकस रहेगा.हुआ भी ऐसा ही ,वित्त मंत्री अरूण जेटली ने 2018-19 के आम बजट में ग्रामीण विकास, ग्रामीण रोजगार और स्वास्थ्य को लेकर कई अहम योजनाओं की घोषणाएं की. जो आगमी वर्षों में किसान और ग्रामीण जनता के जीवन में सकरात्मक बदलाव ला सकते हैं. जाहिर है कि जब भी आम बजट आता है सरकार अपने बजट को सराहती है, प्रसंशा करती है वहीँ विपक्ष बजट को लेकर आलोचनात्मक प्रतिक्रिया देता है किन्तु, आम जनता ,गावं की जनता इस आस में जरूर रहती है इस बजट में उसके लिए क्या खास है ? अमूमन यह देखने को मिलता है बजट को सत्ता पक्ष समावेशी और समग्र विकास वाला बजट ,ग्रामीण और कृषि केन्द्रित बजट कहते हैं लेकिन,  यह पहली बार हो रहा है कि 2018-2019 के बजट को प्रधानमंत्री नए भारत का बजट कहा है. गौरतलब है कि 2022 में भारत अपनी स्वतंत्रता के 75वीं वर्षगाठ मनाएगा,इस आज़ादी के साल को प्रधानमंत्री ने नए भारत की परिकल्पना की है. जिसमें युवाओं क