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Showing posts from October, 2015

दलहन पर आत्मनिर्भर बनें भारत

                         एक कहावत है कि दाल –रोटी से ही गुज़ारा हो रहा है . लेकिन अब ये कहावत  कहने में भी लोग डरने लगें हैं , दालों के दाम आसमान छू रहे है.खास कर तुवर जिसे हम अरहर की दाल भी कहतें है.गत एक वर्षो में अरहर की दाल की कीमतों में बेतहासा वृद्धि हुई है.पिछले साल अरहर   के दाल की कीमत महज 70 रूपये किलों थी.लेकिन अब इसके दाम दोगुने से भी अधिक हो गए है.आज अरहर की दाल 200 रूपये के करीब पहुंच गई है.जिसके कारण गरीब और माध्यम वर्ग परिवार की थालियों से दाल गायब होती जा रही है.दाल आवश्यक प्रोटीन उपलब्ध करती है,जाहिर है कि आम जनमानस दाल का इस्तेमाल संतुलित आहार के लिए करता है.अन्य दालों की अपेक्षा अरहर की दाल में प्रोटीन की मात्रा अधिक होती है.इसके महंगे होने से न केवल थाली से दाल गायब है.वरन हम ये कह सकतें है कि आज गरीब तथा माध्यम वर्ग की थाली से पोषण गायब हो रहा है.इस साल बेमौसम बारिश और मानसून में आई कमी के कारण किसानों के फसल बर्बाद हो गए है.मौसम विभाग ने पहले ही इस बात की पुष्टि कर दिया था कि फसल के बर्बाद होने से खास कर दलहन और सब्जियों के उत्पाद में भारी कमी आएगी.गौरतलब है कि

लोकतांत्रिक स्तंभों में टकराव

   सुप्रीम कोर्ट नेशुक्रवार को बड़ा फैसला सुनाते हुए सरकार द्वारा गठित राष्ट्रीय न्यायिक न्युक्ति आयोग को असंवैधानिक बताते हुए खारिज कर दिया है तथा इससे संबंधित अधिनियम को भी रदद् कर दिया.केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के जजों की न्युक्ति और तबादले के लिए राष्ट्रीय न्यायिक न्युक्ति आयोग एक्ट का गठन किया था.जिसके अंतर्गत सुप्रीम कोर्ट के दो वरिष्ठ जज,केंद्रीय कानून मंत्री तथा दो हस्तियों को शामिल किया गया था,लेकिन सुप्रीम कोर्ट के पांच जजों की बेंच ने इसे संविधान की अवधारणा के खिलाफ बताते हुए खारिज़ कर दिया है.सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि इस संशोधन  से संविधान के मूल ढांचे का उलंघन होता,इसके साथ ही उच्चतम न्यायलय ने एनजेएसी को लाने के लिए 99वें संशोधन को भी निरस्त कर दिया है.सुप्रीम कोर्ट ने ये स्पष्ट किया है कि, जजों की न्युक्ति पुराने काँलेजियम प्रणाली के तहत ही होगी.हलाँकि कोर्ट के इस फैसले से सरकार को करारा झटका लगा है,टेलिकॉम मंत्री रविशंकर प्रसाद ने इस फैसले को संसदीय संप्रभुता के लिए झटका करार दिया है.गौरतलब है कि संविधान समीक्षा आयोग,प्रशासनिक सुधार आयोग और संसदीय

कश्मीर पर बेनक़ाब होता पाकिस्तान

संयुक्त राष्ट्र के मंच से भारत ने पाकिस्तान को एक मर्तबा फिर करारा जवाब दिया है.विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने गुरुवार को संयुक्त राष्ट्र की आम सभा को संबोधित करतें हुए पाकिस्तान को कड़े शब्दों में जवाब देते हुए कहा कि वार्ता और आतंकवाद दोनों एक साथ नहीं चल सकतें.जाहिर है कि पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ ने संयुक्त राष्ट्र के मंच से कश्मीर का मसला उठाया था तथा भारत से बातचीत बहाल करने के लिए चार सूत्रीय प्रस्ताव रखा था.भारत ने इन सभी प्रस्ताओं को ठुकरा दिया.भारत, पाकिस्तान के दोहरे चरित्र से अब तंग आ चुका है.संयुक्त राष्ट्र सभा में कश्मीर राग अलापने वालें पाकिस्तान को भारत ने उसी की भाषा में जवाब दिया है.नवाज शरीफ ने संयुक्त राष्ट्र को भ्रमित करतें हुए एनएसए स्तर की वार्ता विफल होनें के लिए भारत को जिम्मेदार ठहराया था लेकिन हकीकत पूरी दुनिया को पता है कि पाकिस्तान,आधिकारिक वार्ता से पहलें हुर्रियत नेताओं से बातचीत करना चाहता था.फलस्वरूप भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ सख्त रुख अख्तियार करते हुए वार्ता को रदद् कर दिया था.भारत द्वारा उस वार्ता को रदद् करते हुए स्पष्ट संकेत दिया था कि भारत

डिजिटल इंडिया को लेकर सरकार गंभीर

    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी महत्वकांक्षी योजना डिजिटल इंडिया को साकार करने के लिए सिलिकाँन वैली में तकनीक क्षेत्र की सभी दिग्गज कंपनियों के प्रमुखों से मुलाकात की . प्रधानमंत्री मोदी ने डिजिटल इंडिया के उद्दश्यों व लक्ष्यों के बारें इन सभी को बताया.तकनीक जगत सभी शीर्षस्थ कंपनियां मसलन गूगल,माइक्रोसॉफ्ट तथा एप्पल के सीईओ ने भारत सरकार की इस योजना का स्वागत करते हुए, भारत में निवेश को लेकर अपने –अपने प्लानों के दुनिया के सामने रखतें हुए भारत को भविष्य की महाशक्ति बताया है. इन सभी कंपनियों को बखूबी मालूम है कि भारत आज सभी क्षेत्रों  नए- नए आयाम गढ़ रहा है. इसको ध्यान में रखतें हुए गूगल के सीईओ सुंदर पिचई ने भारत के 500 रेलवे स्टेशनों को वाई -फाई से लैस करवाने के साथ 8 भारतीय भाषाओं में इंटरनेट की सुविधा देने की घोषणा की तो वहीँ माइक्रोसॉफ्ट ने भी भारत में जल्द ही पांच लाख गावों को कम लागत में ब्रोडबैंड तकनीकी पहुँचाने की बात कही है.इस प्रकार सभी कंपनियों के सीईओ ने भारत को डिजिटल बनाने के लिए हर संभव मदद के साथ इस अभियान के लिए प्रधानमंत्री मोदी से कंधा से कंधा मिलाकर चलने की