लोकसभा चुनाव में अब कम समय शेष रह गया है. ऐसे में देश का राजनीतिक मिजाज़ धीरे–धीरे उफ़ान पर आ रहा है,लेकिन बंगाल का सियासी पारा अपने पूरे उफ़ान पर है. गौरतलब है कि दिसंबर महीने के पहले सप्ताह से दूसरे सप्ताह के बीच बीजेपी बंगाल के तीन स्थानों से रथ यात्रा निकालने की योजना पर काम कर रही थी किन्तु राज्य सरकार ने साम्प्रदायिक सौहार्द्र के लिहाज़ से इस यात्रा को खतरा बताते हुए मंजूरी नहीं थी. भाजपा जहाँ पश्चिम बंगाल में रथ यात्रा निकालने की पूरी तैयारी कर चुकी है, वहीँ मुख्यमंत्री ममता बेनर्जी इस रथयात्रा को रोकने में अपनी पूरी शक्ति लगा दी हैं. मामला हाईकोर्ट से अब सुप्रीम कोर्ट के पास आ पहुंचा है. यह घटनाक्रम पश्चिम बंगाल की राजनीति को कितना प्रभावित करेगा यह तो आने वाले चुनाव में स्पष्ट हो सकेगा, किन्तु भाजपा की बंगाल में बढ़ती जन स्वीकार्यता से इंकार नहीं किया जा सकता है. बीजेपी की प्रस्तावित रथ यात्रा पर तृणमूल कांग्रेस की मुखिया और राज्य की मुख्यमंत्री ममता बेनर्जी की प्रतिक्रिया इस बात की तरफ़ संकेत कर रहे हैं कि ममता को इस बात का डर सता रहा है कि इस रथयात्रा के माध्यम से बीजेप
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