कोरोना वायरस से हमारी सुरक्षा के मद्देनजर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 24 मार्च को 21 दिन के लॉकडाउन की घोषणा की थी. कोविड-19 संक्रमण के कारण तेज़ी से फैल रहा है. इस संक्रमण को रोकने का सबसे कारगर उपाय यही है कि लोग एक दूसरे के सम्पर्क में ना आएं. भारत सरकार इस महामारी से निपटने के लिए हर प्रभावी कदम उठा रही है. इस संकट से उबरने के लिए जारी लॉकडाउन से स्वाभाविक है कि प्रत्येक भारतवाशी को कोई न कोई असुविधा हो रही होगी , लेकिन उनकी आवश्यक वस्तुओं की पूर्ति सरकार द्वारा बड़े पैमाने पर की जा रही है. जिससे उनके भोजन आदि की कोई असुविधा नहीं हो रही , लेकिन इस देश में करोड़ो ऐसे लोग हैं जो श्रमिक हैं उन्हें इस बन्दी के दौरान हर वस्तु की तंगी हो रही क्योंकि ये ऐसा वर्ग है जो प्रत्येक दिन उतना ही कमा पाता है , जिससे उनके दो वक्त की दाल-रोटी का प्रबंध हो सके. इस गंभीर स्थिति को देखते हुए केंद्र सरकार ने 1 लाख 70 हजार करोड़ का धन आवंटित किया. इस पूरे बजट को जारी करने का मूल यही था कि भारत का कोई भी व्यक्ति भूखा न सोए. केंद्र के साथ राज्य सरकारें भी इस महामारी से निपटने के लिए हर जरूरी कदम उठा रही
इस ब्लॉग के माध्यम से लोगो तक अपनी अभिव्यक्ति को व्यक्त कर आपके सामने परोसना है ,विचारो में मतभेद होते हैं और होने भी चाहिएं .आप हमेशा एक तर्कपूर्ण बहस के लिए आमंत्रित है .. स्वागत है ..बंदन है .....अभिनंदन है .......