कोरोना संकटकाल के दौरान अपने पांचवे राष्ट्र के नाम संबोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना के बाद के भारत की मजबूत रुपरेखा देशवासियों के सामने रखी है . कोरोना के कारण हुए आर्थिक नुकसान एवं आर्थिक ढांचे के चरमरा जाने के पश्चात सबके मन में यही सवाल था कि आगे भारत की आर्थिक नीति क्या होगी ? सरकार किन नीतियों का सहारा लेकर नई आर्थिक व्यवस्था को खड़ी करेगी . पिछले कुछ दिनों से स्वदेशी एवं आत्मनिर्भर भारत की चर्चा सबसे ज्यादा देखने को मिली . प्रधानमंत्री खुद ग्राम स्वावलंबन की बात सरपंचो से बातचीत के दौरान करते नजर आए थे . राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सर संघचालक मोहन भागवत ने भी स्वदेशी आर्थिक मॉडल का सुझाव दिया था . लिहाज़ा अटकलें लगाई जाने लगी थी कि अब सरकार इन्हीं नीतियों को अंगीकृत करेगी और हुआ भी यही . प्रधानमंत्री ने राष्ट्र के नाम संबोधन में ‘ आत्मनिर्भर भारत अभियान ’ की घोषणा की . इसके लिए प्रधानमंत्री ने 20 लाख करोड़ रूपये का अभूतपू
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