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Showing posts from June, 2021

पूर्वाग्रहों का नंगा प्रदर्शन कर रहा ट्विटर

      देश में   इस समय सोशल मीडिया को लेकर उठा कोलाहल शांत होने का नाम नहीं ले रहा है जब भी मामला शांत होने की कगार पर आता ट्विटर की बदमाशी इसे और बढ़ा देती. सभी सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म की बात करने की आवश्यकता प्रतीत नहीं हो रही है क्योंकि ट्विटर ही सभी प्लेटफार्मों का सरदार बनने की कोशिश में लगा हुआ है. ट्विटर ने पिछले एक पखवारे से जो अकड़ व अहंकार दिखाया है उससे तो यही लगता है कि ट्विटर ने एक अलग गणराज्य की स्थापना कर लिया है और इस मुगालते में जी रहा है कि उस गणराज्य द्वारा जारी फरमान के मुताबिक़ ही सभी देश चलें अथवा उसे ही सर्वोपरी रखा जाए. भारत सरकार के नए आईटी नियमों को मनाने को लेकर जिस तरह से विवाद हुआ उससे स्पष्ट हो गया कि सोशल साइट्स कम्पनियां अपने आप को अत्याधिक शक्तिशाली मानने लगी हैं. इनके लिए किसी देश भी के संविधान, राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति की गरिमा से खेलना आम हो गया है.   भारत में ट्विटर का पूर्वाग्रह किसी से छुपा नहीं है उससे कहीं अधिक ट्विटर भी यह बताने की उत्सुकता दिखा रहा है कि उसकी   विचारधारा क्या है.   ट्विटर पर कई अधिकृत ब्लू   टिक वाले अकाउंट होंगे जो सक्रिय नही

जवाबदेही तय करने वाले नियम

  देश में सोशल मीडिया को लेकर केंद्र सरकार द्वारा लाए गए नए आईटी नियमों पर बहस छिड़ी हुई है. हालाँकि तमाम विरोध व आनाकानी के पश्चात सभी सोशल मीडिया प्लेटफार्म   फरवरी में लाए गए नियम को मनाने के लिए राजी हो गए हैं. इस बहस के दो मुख्य तर्क निकल कर सामने आ रहे हैं. पहला, नए नियम अभिव्यक्ति की स्वतन्त्रता के बाधक होंगे और दूसरा,   यह नियम सोशल मीडिया को अधिक पारदर्शी और जिम्मेदार बनायेंगे. अभिव्यक्ति की स्वतन्त्रता की बात करें तो यह भारत के प्रत्येक नागरिक को संविधान द्वारा प्रदत्त अधिकार है. सोशल मीडिया के आने से निश्चित तौर पर इसको अधिक बल मिला है किन्तु समय के साथ इसका दुरुपयोग भी बढ़ता चला जा रहा था. तथ्यों के धरातल पर भी हमें इसका मुल्यांकन करना चाहिए. आखिर क्या कारण है कि सरकार को ऐसे नियम लाने पड़े? फरवरी में आए इस नियम को समझें तो स्पष्ट पता चलता है कि बेलगाम घोड़े की भांति दौड़ते सोशल मीडिया पर एक आवश्यक अंकुश लगाना जरूरी था. यह समय की आवश्कयता भी थी. हम देखें तो आज फेक न्यूज़ और फर्जी आंकड़े,भड़काऊ सामग्री   सबसे ज्यादा प्रचारित-प्रसारित इन्ही माध्यम से हो रहे हैं. गौरतलब है कि नए नियम