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Showing posts from December, 2016

‘वरदा’ चक्रवात को लेकर दिखी कुशल तैयारी

तमिलनाडु और आंध्रप्रदेश में चक्रवात वरदा के आने से जनजीवन पूरी तरह से अस्त –व्यस्त हो गया है.मौसम विभाग ने इस बात की पहले ही जानकारी दी थी कि वरदा नाम का तूफान सोमवार को तमिलनाडु में प्रवेश करेगा . मौसम विभाग की जानकारी के अनुसार तैयारी भी पूरी कर ली गई थी. गौरतलब है कि चक्रवात वरदा सोमवार की दोपहर दो से चार बजे के बीच में चेन्नई के उतरी तट से टकराया. उस समय उसका वेग काफी ज्यादा था किन्तु धीरे –धीरे यह तूफान कमजोर पड़ता गया. बावजूद इसके अभी तक लगभग सात लोग काल के गाल में समा चुके हैं, घर तबाह हो गये हैं, बिजली काट दी गई है, पेड़ उखड़ गये हैं, बिजली के खम्भे धाराशाई हो गये हैं तथा रेल, सड़क व वायु यातायात अवरुद्ध हो गया है. तमिलनाडु में आठ हजार तथा आंध्रप्रदेश में नौ हजार से ज्यादा लोगों को राहत शिविरों में तूफान के अंदेशे के साथ ही पहुंचा दिया गया था. चेन्नई, तिरुवल्लुर, कांचीपुरम और विल्लीपुरम में वरदा का व्यापक असर देखने को मिला. मौसम विभाग ने इस तूफान की गति पहले 140 किलोमीटर प्रति घंटे से दर्ज की किन्तु कुछ देर बाद इसकी रफ्तार कम होती गई जो सौ किलोमीटर प्रति घंटा के आस –पास रही क

संसद की प्रतिष्ठा को धूमिल करते सियासतदान

संसद  के शीतकालीन सत्र समाप्त होने में चंद दिन शेष बचे हैं और यह पूरा सत्र हंगामे की भेंट चढ़ता दिखाई दे रहा है. नोटबंदी को लेकर विपक्षी दल लोकतंत्र के मंदिर मे जो अराजकता का माहौल बनाए हुए हैं वह शर्मनाक है. गौरतलब है कि नोटबंदी एक ऐसा फैसला है जिसका प्रभाव देश के हर व्यक्ति पर पड़ा है और आमजनता कतार में खड़ी है. उसे तमाम प्रकार की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. नोटबंदी के फैसले के बाद आमजनता के जहन में भी कई सवाल खड़े हुए हैं जिसके जवाब के लिए वह संसद की तरफ देख रही है. किन्तु हमारे द्वारा चुनकर भेजे गये प्रतिनिधि इन सवालों के जवाब तथा इस समस्या का हल निकालने की बजाय अपनी राजनीतिक शक्ति और झूठी प्रतिष्ठा की लड़ाई लड़ने में मशगूल हैं. ऐसे कठिन समय में और इतने गंभीर मुद्दे पर भी हमारे सियासतदान अपनी ओछी राजनीति से बाज़ नहीं आ रहे हैं. नोटबंदी के बाद जनता में अफरातफरी का जो महौल बना है उससे जनता को कैसे निकाला जाए, कैश को लेकर जो समस्याएँ आमजनता के समक्ष आ रही हैं, उस समस्या से निजात जनता को कैसे मिले? इसपर बात करने की बजाय हमारे राजनीतिक दल अपने अनुसार राजनीतिक रोटियां सेंक रहे हैं.

बैकफूट पर पाकिस्तान

अमृतसर में आयोजित 7वें  हार्ट ऑफ एशिया सम्मेलन कई मायने में अहम रहा अफगानिस्तान के पुनर्गठन,सुरक्षा व आर्थिक विकास के साथ –साथ  आतंकवाद तथा नशीले पदार्थों की तस्करी रोकने जैसे गंभीर विषय चर्चा के केंद्र में रहे सम्मेलन के एजेंडे में आतंकवाद का मुद्दा प्रमुख था.जाहिर है कि जिस मंच पर पाकिस्तान के प्रतिनिधि मौजूद हों और बात आतंकवाद को उखाड़ फेकने की हो वहां पाक प्रतिनिधि का असहज होना स्वाभाविक है.भारत के प्रधानमंत्री और अफगानिस्तान के राष्ट्रपति ने आतंकवाद के मसले को पाक को कटघरे में खड़ा किया तो वहीँ इस सम्मेलन में संयुक्त रूप से आतंकवाद के खिलाफ तैयार घोषणा पत्र में लश्करे-ए- तैयबा और जैश –ए –मोहम्मद समेत कई आतंकी संगठनों को रेखांकित किया गया है.यह भारत के लिए बड़ी कूटनीतिक सफलता है जाहिर है कि ये आतंकी संगठन पाकिस्तान द्वारा पोषक हैं तथा पाकिस्तान इनके सहयोग से भारत के साथ –साथ अफगानिस्तान में अशांति और हिंसा के लिए इनका इस्तेमाल करता रहता है. एक बात जगजाहिर है कि पाकिस्तान आतंकियों को पनाह देता है और उसका इस्तेमाल भारत ,अफगानिस्तान जैसे देश में अस्थिरता उत्पन्न करने के लिए करता है.भार