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Showing posts from March, 2016

भारत माता की जय के नारे लगाना गर्व की बात

      भारत माता की जय के नारे लगाना गर्व की बात -:   अपने घृणित बयानों से सुर्खियों में रहने वाले हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी इनदिनों फिर से चर्चा में हैं.बहुसंख्यकों की भावनाओं को ठेस पहुँचाने के लिए ओवैसी बंधु आए दिन घटिया बयान देते रहतें है.लेकिन इस बार तो ओवैसी ने सारी हदें पार कर दी.दरअसल एक सभा को संबोधित करते हुए ओवैसी ने कहा कि हमारे संविधान में कहीं नहीं लिखा की भारत माता की जय बोलना जरूरी है,चाहें तो मेरे गले पर चाकू लगा दीजिये,पर मै भारत माता की जय नही बोलूँगा.ऐसे शर्मनाक बयानों की जितनी निंदा की जाए कम है .इसप्रकार के बयानों से ने केवल देश की एकता व अखंडता को चोट पहुँचती है बल्कि देश की आज़ादी के लिए अपने होंठों पर भारत माँ की जय बोलते हुए शहीद हुए उन सभी शूरवीरों का भी अपमान है,भारत माता की जय कहना अपने आप में गर्व की बात है.इससे अधिक दुर्भाग्यपूर्ण और क्या हो सकता है कि जनता द्वारा चुने गये प्रतिनिधि अपने सियासी हितो की पूर्ति के लिए इस हद तक गिर जाएँ कि देशभक्ति की परिभाषा अपने अनुसार तय करने लगें.इस पुरे मसले पर गौर करें तो कुछ दिनों पहले आरएसएस प्रमुख मोहन भाग

विवादों के घेरे में विश्व संस्कृति महोत्सव

         श्री श्री रविशंकर की संस्था आर्ट ऑफ लिविंग द्वारा आयोजित तीन दिवसीय विश्व संस्कृति महोत्सव विवादों में घिर गया है.इस कार्यक्रम की तैयारी लगभग पूरी कर ली गई है,किंतु अब इस कार्यक्रम पर संशय के बादल मंडराने लगें हैं.आर्ट ऑफ़ लिविंग के 35 साल पूरा होने के अवसर पर दिल्ली में यमुना किनारे 11 से 13 मार्च तक अंतराष्ट्रीय संस्कृति महोत्सव का आयोजन होना है.लेकिन यमुना जियो अभियान एनजीओ के संयोजक समेत कुछ और पर्यावरणविदों ने कार्यक्रम को रदद् कराने के लिए एक याचिका दायर की है.याचिका में यमुना जिए अभियान का आरोप है कि आर्ट ऑफ़ लिविंग संस्था ने एनजीटी के नियमों को दरकिनार करते हुए,यमुना किनारे निर्माण कार्य किया है.आरोप ये भी है कि यमुना किनारे की हरियाली को जलाकर उसपर मलबा डाल कर समतल किया गया है,जिससे यमुना को हमेशा के लिए नुकसान पंहुचा है.एनजीटी ने याचिका की सुनवाई करते हुए सभी विभागो को कड़ी फटकार लगाई है.नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने सरकार से पूछा है कि आयोजन के लिए पर्यावरण मंजूरी की जरूरत क्यों नही है ? एनजीटी के चेयरमैन स्वतंत्र कुमार ने वन  एवं पर्यावरण मंत्रालय से जवाब माँगा है.जाह

पांचो राज्यों में बीजेपी की जीत होगी क्योंकि ...

     चुनाव आयोग ने पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए बिगुल बजा दिया है.असम,पश्चिम बंगाल,तमिलनाडु,केरल और केंद्र शासित राज्य पुडुचेरी में होने जा रहे चुनावों की तारीखों का ऐलान होते ही सभी राजनीतिक दलों में हलचल तेज़ हो गई है.सभी पार्टियाँ अपनी –अपनी सियासी बिसाद बिछाने को तैयार दिख रहीं हैं.दरअसल इस चुनाव में परिणाम चाहें जो आएं किंतु इस बात से नकारा नही जा सकता की ये चुनाव सभी दलों के लिए वर्चस्व की लड़ाई है.4 अप्रेल से शुरू हो रहा चुनावी समर 16 मई तक चलेगा. सभी राज्यों के परिणाम एक साथ 19 मई को आयेंगे.गौरतलब है कि केंन्द्र में सत्तारूढ़ दल बीजेपी के पास इस चुनाव खोने के लिए कुछ नही है,अगर बीजेपी अच्छा प्रदर्शन करती है तो,ये बीजेपी के लिए बोनस होगा.वहीँ दूसरी तरफ कांग्रेस तथा वामदलों की सियासत दाव पर रहेगी.वामदलों को अपने सिकुड़ते जनाधार को बढ़ाने की बड़ी चुनौती होगी तो वहीँ कांग्रेस के लिए ये चुनाव अग्निपरीक्षा से कम नही होगा. केरल तथा असम दोनों जगह कांग्रेस पार्टी सत्ता में है.कांग्रेस के लिए यह चुनाव बेहद कठिन होनें जा रहा क्योंकि दोनों जगहो पर कांग्रेस की स्थिति ब

कामरेड कन्हैया आपने बोला तो बहुत कुछ मगर कहा क्या !

देशद्रोह जैसे संगीन आरोपो से घिरे जेएनयू छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार को दिल्ली हाईकोर्ट ने छह माह की अंतरिम जमानत पर रिहा कर दिया.इसके साथ ही कोर्ट ने जेएनयू में हुए देश विरोधी घटनाओं पर कड़ा रुख अख्तियार करते हुए अपने तेईस पेज के फैसले में कोर्ट ने कन्हैया समेत जेएनयू के प्रोफ़ेसरों को कड़ी फटकार लगाई है.अपने फैसले में कोर्ट ने कई बातों का जिक्र किया है,जिसपर गौर करने के बजाय वामपंथियों ने कन्हैया का महिमामंडन करना शुरू कर दिया है.कोर्ट ने अपने फैसले में देश विरोधी नारे लगाने वालों के लिए कहा कि, एक तरह से इंफेक्शन छात्रों में फैल रहा है.इसे बीमारी बनने से पहले रोकना होगा.एंटी बायोटिक से इंफेक्शन कंट्रोल न हो तो , दूसरे चरण का इलाज शुरू किया जाता है.ऑपरेशन की भी जरूरत पड़ती है.उम्मीद है न्यायिक हिरासत में कन्हैया ने ये सोचा होगा कि आखिर ऐसी घटनाएँ हुई क्यों ? कोर्ट के द्वारा कही गई इन बातों से स्पष्ट होता है कि, कोर्ट इस मसले पर गंभीर एवं सजग है.इस संयमित निर्णय में कोर्ट ने कन्हैया के घर की माली हालत का भी जिक्र किया तो वहीँ एक छात्रसंघ अध्यक्ष के रूप में भी कन्हैया को उसकी जिम्मे