उत्तम स्वास्थ्य मानव जीवन की सबसे प्रमुख जरूरतों में से एक है. किन्तु आज के दौर में व्यक्ति लगातार बीमारियों की गिरफ़्त में आता जा रहा है, तो दूसरी तरफ़ नई –नई बीमारियों का आने से खतरा और बढ़ जाता है. जिनके पास पैसा है, जिनकी आर्थिक स्थिति मजबूत है वह देश अथवा विदेश में जाकर इलाज करवा सकते हैं किन्तु गांव के अंतिम छोर पर खड़ा भयंकर बीमारी से पीड़ित व्यक्ति कहाँ जाएगा ? जाएगा भी तो इलाज में लगने वाली मोटी रकम कहाँ से लाएगा ? यह ऐसे सवाल हैं जिसके जवाब के लिए गांव –गरीब ,मजदूर तथा वंचित वर्ग सरकार की तरफ़ मुंह कर के वर्षों से जवाब चाहता था. स्वास्थ्य जैसी बुनियादी सुविधाएँ देश के हर व्यक्ति के मिले यह सरकार का दायित्व बनता है. लेकिन उसकी गुणवत्ता को परखने की बजाय केवल खानापूर्ति से दायित्वों से मुक्त होने का समय अब जा चुका है. सरकारी योजनाओं का लाभ लाभार्थियों तक पहुंचें इस दिशा में देश अब आगे बढ़ा है. जिसका सबसे प्रत्यक्ष उदारहण डीबीटी के माध्यम से सीधा लाभार्थी के खाते में जाना वाला धन हो अथवा उज्ज्वला योजना से गरीबों के घर में जलने वाले चूल्हे हो या फिर जनधन के माध्यम से वंचितों
इस ब्लॉग के माध्यम से लोगो तक अपनी अभिव्यक्ति को व्यक्त कर आपके सामने परोसना है ,विचारो में मतभेद होते हैं और होने भी चाहिएं .आप हमेशा एक तर्कपूर्ण बहस के लिए आमंत्रित है .. स्वागत है ..बंदन है .....अभिनंदन है .......