दक्षिण भारत के प्रमुख राज्यों में से एक कर्नाटक में होने वाले विधानसभा चुनाव की घोषणा चुनाव आयोग ने कर दी है.प्रदेश की 224 सीटों पर एक ही चरण में 12 मई को मतदान संपन्न होंगे और 15 मई को नतीजे सामने आएंगे. गौरतलब है कि चुनाव आयोग मतदान की तारीखों का एलान से पहले ही प्रदेश का राजनीतिक पारा अपने उफान पर है.भाजपा और कांग्रेस दोनों दलों के शीर्ष नेतृत्व के दौरे से राजनीतिक सरगर्मियां बढ़ी हुई हैं.चुनावी बिगुल के साथ यह तय हो गया कि प्रदेश का सियासी पारा अब शांत होने वाला नहीं है.पहले कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी दो दिन के कर्नाटक दौरे पर गये,उसके तुरंत बाद भाजपा अध्यक्ष अमित शाह का कर्नाटक दौरा इस बात की तरफ स्पष्ट संकेत दे रहा है कि कर्नाटक चुनाव को दोनों प्रमुख राजनीतिक दलों के लिए सियासी वर्चस्व की लड़ाई है.कांग्रेस के लिए कर्नाटक का चुनाव न केवल बेहद महत्वपूर्ण है.बल्कि चुनाव के परिणाम भविष्य की राजनीति में कांग्रेस के आस्तित्व को भी रेखांकित करेंगे.कर्नाटक आखिरी बड़ा राज्य बचा है जहाँ कांग्रेस सत्ता में बनी हुई है.ऐसे में कांग्रेस किसी भी स्थिति में यह नहीं चाहेगी कि कर्नाटक की सत
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