लोकसभा चुनाव की तारीखें जैसे –जैसे करीब आ रहीं हैं , राजनीतिक दल एक-एक कर अपना पत्ता खोल रहे हैं. कुछ दिनों से ऐसी अटकलें लगाई जा रहीं थी कि गाँधी परिवार का गढ़ कहे जाने वाले अमेठी में राहुल गाँधी की बढ़ती मुश्किलों के मद्देनजर कांग्रेस उन्हें दो जगह से चुनाव लड़ा सकती है. रविवार को कांग्रेस ने इन अटकलों सहीं साबित करते हुए बताया कि राहुल अपनी परंपरागत सीट के अलावा एक दशक पहले अस्तित्व में आए केरल के वायनाड लोकसभा से भी मैदान में उतरेंगे. कांग्रेस की इस घोषणा ने राजनीति के तापमान को बढ़ा दिया है. कांग्रेस के इस निर्णय पर तरह –तरह के सवाल उठने लाजिमी है.आखिर क्या कारण है कि राहुल दो जगहों पर चुनाव लड़ने को मजबूर हुए ? वायनाड लोकसभा के चयन के पीछे कांग्रेस की मंशा क्या है. पहले सवाल की तह में जाएँ तो इसमें किसी को संशय नहीं है कि अमेठी कांग्रेस का मजबूत किला रहा है इस किले को फतह करना किसी भी विपक्षी दल के लिए आसन नही है, किन्तु अब वहाँ का सियासी समीकरण बदल रहा है.लोग गांधी परिवार से यह सवाल पूछ रहें हैं कि इस संसदीय क्षेत्र से नौ बार गांधी परिवार चुनाव जीता पर वह आज भी बुनियादी सुविधा
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