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Showing posts from November, 2017

कबतक जारी रहेगा गतिरोध ?

     विगत दो साल से सरकार और न्यायपालिका के बीच जमी बर्फ पिघलने का नाम नहीं ले रही.यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि कई बार सार्वजनिक मंचों से कभी न्यायपालिका सरकार को निशाने पर लेने से नहीं चुकती तो , सरकार भी न्यायपालिका को कार्यपालिका के कामों में दखल न देने की सलाह देने से बाज़ नहीं आती.लेकिन , प्रधानमंत्री हर बार इस जमी बर्फ को मंच से ही पिघलाने की कवायद करते नजर आते हैं. विगत दिनों संविधान दिवस के मौके पर कुछ ऐसा ही हुआ विधि मंत्री रविशंकर प्रसाद ने मंच से ही न्यायपालिका को आड़े हाथो लेते हुए अपरोक्ष रूप से पुन: राष्ट्रीय न्यायिक न्युक्ति आयोग की वकालत करने से नहीं चुके.वहीँ मुख्य न्यायधीश दीपक मिश्रा ने रविशंकर प्रसाद को जवाब देते हुए कहा कि नगारिकों के मौलिक अधिकार सबसे ऊपर हैं. उन्होंने संविधान द्वारा न्यायपालिका की तय की गई भूमिका को याद दिलाते हुए कहा कि संविधान ने न्यायपालिका को संविधान के संरक्षक की भूमिका सौंपी है , जिसका निर्वहन न्यायपालिका समय-समय पर करती आई है. इससे पहले केन्द्रीय मंत्री अरूण जेटली  ने भी न्यायिक सक्रियता पर सवाल उठाते हुए कहा था कि न्यायपालिका सरकार के कामक

देश के आर्थिक सुधारों पर वैश्विक स्वीकार्यता

पिछला सप्ताह नरेंद्र मोदी सरकार को काफ़ी राहत देने वाला रहा है.एक तरफ़ उनकी लोकप्रियता को लेकर आया सर्वेक्षण जहाँ व्यतिगत तौर पर मोदी और बीजेपी को आश्वस्त करता है वहीँ, नोटबंदी और जीएसटी के बेज़ा विरोध में जुटे विपक्ष को अंतरराष्ट्रीय क्रेडिट रेटिंग एजेंसी मूडिज़ ने भारत की क्रेडिट रेटिंग को बढ़ाकर करारा झटका दिया है.गौरतलब है कि अमेरिकी थिंक टैंक प्यू रिसर्च सेंटर द्वारा करवाए गये सर्वे में आज भी नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता बरकरार है.इस सर्वे में 24,464 लोगों को शामिल किया गया.जिसके आंकलन के उपरांत यह बात निकल कर सामने आई कि 88 प्रतिशत लोगों की आज भी पहली पसंद नरेंद्र मोदी हैं. यह सर्वेक्षण फ़रवरी और मार्च के बीच किया गया इसमें एक तर्क यह भी है उसवक्त जीएसटी लागू नहीं किया गया था.पर,यह स्याह सच है कि जबसे नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री में उम्मीदवार घोषित हुए तबसे अभी तक सत्ता में आये साढ़े तीन साल होने को हैं किन्तु प्रधानमंत्री की लोकप्रियता में कमी देखने को नहीं मिली है.उससे भी ज्यादा हैरान करने वाली बात यह है कि यह सर्वे उस वक्त किया गया जब देश की आम जनता नोटबंदी के कारण हुई परेशानियों से

सेक्स सीडी से उपजे कई गंभीर सवाल

गुजरात में मतदान की तारीख जैसे –जैसे करीब आ रही रोज़ कुछ न कुछ सियासी भूचाल आ रहा है.सभी दल अपनी जीत को सुनिश्चित करने के लिए सभी प्रकार के हथकंडे अपना रहें है. चुनावी समर के मध्य पाटीदार आरक्षण आंदोलन के नेता हार्दिक पटेल का एक अश्लील वीडियो जैसे ही सामने आया गुजरात का सियासी[पारा अपने परवान पर चढ़ गया.दरअसल,इस वीडियो में हार्दिक पटेल किसी होटल के कमरे में लड़की के साथ आपत्तिजनक स्थिति में दिख रहें है.गुजरात के चुनावी मौसम में यह वीडियो इस राजनीतिक माहौल में आग में घी डालने जैसा काम किया है.जैसे ही यह वीडियो सोशल मीडिया के वाया वायरल हुआ इसको लेकर भारी हंगामा मच गया.सबसे पहले यह स्पष्ट करना उचित होगा कि यह वीडियो गुजरात की चुनावी राजनीति को विशेष रूप से प्रभावित करेगी, ऐसा नहीं लगता और ना ही इसका कोई सरोकार सीधे तौर पर जनता से है.बहरहाल,यह ओछी राजनीति का एक उदाहरण भर है.यह वीडियो किस मकसद से और किसने वायरल किया है,यह अभी स्पष्ट नहीं हो पाया है. किन्तु विरोधी दल से लगाए सोशल मीडिया पर एक कबीले के लोग बिना किसी पुख्ता सुबूत के यह साबित करने में लग गये की यह वीडियो बीजेपी ने वायरल किया

भारत और बंग्लादेश के रिश्तों पर दौड़ेगी बंधन एक्सप्रेस

भारत और बंग्लादेश के बीच गुरुवार का दिन दोनों देशों के लिए बेहद एतिहासिक दिन रहा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बंग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिये बंधन एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाई.यह सुखद था कि इनदिनों मोदी सरकार के हर फैसले पर विरोध का झंडा बुलंद करने वाली बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी इस अवसर पर कॉन्फ्रेंसिंग से जुड़ी रहीं. यह रेल सेवा सप्ताह में एक दिन बंग्लादेश के खुलना शहर से पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता के बीच चलेगी.अगले सप्ताह यानी 16 नवंबर से यह रेल सेवा आम जनता के लिये शुरु हो जाएगी. यह क्रास कंट्री सेवा दोनों देशों के रिश्ते को बंधन एक्सप्रेस और मजबूती देगा. भारत और बंग्लादेश के बीच संबंधों में जो ऊंचाई पिछले दो सालों में देखने को मिली है,वह अभूतपूर्व है जाहिर है कि दोनों देशों के राष्ट्राध्यक्षों के बीच बेहतर तालमेल का ही परिणाम है कि आज दोनों देशों के बीच परमाणु से लेकर आतंकवाद तक दोनों राष्ट्र एक ध्रुव पर खड़े होकर एक दुसरे के सहयोग से आगे बढ़ रहें हैं.यह कहना अतिशयोक्ति नहीं होगा कि भारत और बंग्लादेश के बीच पहले मैत्री एक्सप्रे