एक कहावत है कि दाल –रोटी से ही गुज़ारा हो रहा है . लेकिन अब ये कहावत कहने में भी लोग डरने लगें हैं , दालों के दाम आसमान छू रहे है.खास कर तुवर जिसे हम अरहर की दाल भी कहतें है.गत एक वर्षो में अरहर की दाल की कीमतों में बेतहासा वृद्धि हुई है.पिछले साल अरहर के दाल की कीमत महज 70 रूपये किलों थी.लेकिन अब इसके दाम दोगुने से भी अधिक हो गए है.आज अरहर की दाल 200 रूपये के करीब पहुंच गई है.जिसके कारण गरीब और माध्यम वर्ग परिवार की थालियों से दाल गायब होती जा रही है.दाल आवश्यक प्रोटीन उपलब्ध करती है,जाहिर है कि आम जनमानस दाल का इस्तेमाल संतुलित आहार के लिए करता है.अन्य दालों की अपेक्षा अरहर की दाल में प्रोटीन की मात्रा अधिक होती है.इसके महंगे होने से न केवल थाली से दाल गायब है.वरन हम ये कह सकतें है कि आज गरीब तथा माध्यम वर्ग की थाली से पोषण गायब हो रहा है.इस साल बेमौसम बारिश और मानसून में आई कमी के कारण किसानों के फसल बर्बाद हो गए है.मौसम विभाग ने पहले ही इस बात की पुष...
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